Internal Link (SEO) क्या है, फायदे नुकसान | SEO Internal Linking WordPress in Hindi

इंटरनल लिंक क्या है फायदे नुकसान(What is SEO Internal Linking in WordPress in hindi)

सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन SEO आज के समय में बहुत जाना माना शब्द है. डिजिटल मार्केटिंग से सम्बन्ध रखने वालों के लिए तो इसे समझना और जानना बहुत जरुरी है. एसइओ में बहुत सारी टर्म्स और फीचर होते है, जिसे किसी भी ब्लॉगर का जानना और समझना बहुत जरुरी होता है. उसी में से एक है इंटरनल लिंक.

Internal Link

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इंटरनल लिंक आपकी वेबसाइट के विभिन्न पेज के बीच के लिंक हैं. आपकी साईट में अगर कोई रीडर आता है तो वो इस लिंक की मदद से एक पेज से दुसरे पेज में जा सकता है. सर्च इंजिन में आर्टिकल क्रॉल करने के लिए भी यह महत्वपूर्ण है. आज हम आपको ब्लॉग पोस्ट में इंटरनल लिंक कि क्या महत्ता है, क्यूँ जरुरी है वर्डप्रेस में ब्लॉग को इंटरनल लिंक करना, इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगें. इसके साथ ही वर्डप्रेस में ब्लॉग को इंटरनल लिंक करने के बहुत से तरीके है, हम आपको बेस्ट तरीके यहाँ बतायेंगें. 

What is Internal Linking –

साईट पर पर्याप्त और सही मात्रा में इंटरनल लिंक का होना महत्वपूर्ण है, एक बैलेंस होना चाहिए दोनों के बीच, न ही अधिक न ही बिलकुल कम. कई बड़े ब्लॉगर अपने आर्टिकल्स को लिंक करने के लिए रिलेटेड पोस्ट सेक्शन में बहुत सारी इंटरनल लिंक बना देते है, लेकिन यह सही तरीका नहीं है. आसाम शब्दों में कहें तो एक इंटरनल लिंक वह है जो एक ही वेबसाइट के दूसरे पेज के बारे में जानकारी देता है और वहां जाने के लिए रास्ता दिखता है. ये मुख्यरूप से नेवीगेशन के लिए उपयोग किये जाते है. इंटरनल लिंक में Anchor Text बहुत जरुरी है, यही उसकी पहचान है, जो बताता है लिंक में है क्या. 

इस तरह की लिंक 3 कारणों से उपयोगी है –

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  • ये यूजर को वेबसाइट नेविगेट करने की अनुमति देते है
  • ये वेबसाइट की सभी जानकारी की हेरारकी (hierarchy) बनाने में मदद करती है.
  • साईट स्ट्रक्चर को बनाने के लिए इंटरनल लिंक का महत्वपूर्ण हाथ होता है.

इस संरचना में मुख्य पेज और अन्य पेज के बीच न्यूनतम लिंक बनाई गई है. यह अच्छा है क्योंकि यह लिंक इक्विटी (रैंकिंग पावर) को पूरे साइट पर जाने की अनुमति देता है,  इस प्रकार प्रत्येक पेज के लिए रैंकिंग भी क्षमता बढ़ जाती है. यह एक आम स्ट्रक्चर है, जिसका प्रयोग कर बड़ी-बड़ी साईट इसको केटेगरी और सबकेटेगरी में बांट देती है. इंटरनल लिंक और Backlink दोनों अलग होते है, इसमें आप कन्फ्यूज्ड न हो. 

इंटरनल लिंक के फायदे –

  • डीप-इंडेक्सिंग (Deep Indexing) – इंटरनल लिंक बनाने से आपके साईट के सभी आर्टिकल्स गहराई से एक दुसरे से जुड़े रहेंगें, जिससे उनकी इंडेक्सिंग बेहतर तरीके से होगी.
  • क्रॉल (Crawls) – किसी भी आर्टिकल का क्रॉल होना बहुत जरुरी है, अगर वो क्रॉल नहीं होगा तो सर्च इंजन उसे ढूढ़ नहीं सकेगा, जिससे वो गूगल सर्च रिजल्ट में नहीं आएगा. इन्टरनल लिंक किसी भी आर्टिकल को क्रॉल करवाने में मदद करता है, इससे सर्च इंजन रिजल्ट में आर्टिकल मिलने के चांस बढ़ जाते है.
  • बाउंस रेट (Bounce Rate) – अगर आपकी साईट में सही इंटरनलिंकिंग है तो यह आपकी साईट में बाउंस रेट को कम करने में मददगार साबित हो सकता है. बाउंस रेट क्या होता है – बाउंस रेट एक फैक्टर है जिससे द्वारा हम यह पता कर सकते है कि यूजर आपके पोस्ट को पढ़ने के बाद क्या करता है – क्या वो आपकी ही साईट के दुसरे पेज में जाता है, या फिर किसी दूसरी साईट को खोल लेता है या फिर आपके पेज को बंद कर देता है. बाउंस रेट जितना कम होगा उतना आपके ब्लॉग के लिए उतना अच्छा होगा. इंटरनल लिंक का इसे कम करने में बहुत बड़ा हाथ है. किसी में ब्लॉग में ऐसी इंटरनल लिंक बनानी चाहिए जो आपके रीडर को आकर्षित करे और वो उस लिंक पर क्लिक करके आपकी ही साईट के दुसरे पेज में जाये. जिससे ज्यादा से ज्यादा समय वो आपकी साईट में बिताये.
  • पास लिंक जूस (Passes Link Juice) – इंटरनल लिंक से लिंक जूस एक पेज से दुसरे पेज में पास होता है, जो एसइओ की नजर में आपकी साईट के लिए अच्छा है. इसलिए एसइओ एक्सपर्ट्स कहते है कि अपने पुराने आर्टिकल को न्यू आर्टिकल से लिंक करना चाहिए. आप इंटरनल लिंक की मदद से अपनी साईट के लिए ज्यादा से ज्यादा लिंक जूस प्राप्त कर सकते है.
  • पेज रैंक को बढ़ाना (Increase Page Ranking) – सर्च इंजिन किसी भी ब्लॉग को पेज रैंक को उसके बेकलिंक के हिसाब से देता है. कोई भी ब्लोगेर इंटरनल लिंक के द्वारा भी बेकलिंक बना सकता है, जिससे आपकी साईट कि पेज रैंक अच्छी होगी.
  • पेज व्यूज बढ़ेगा (Increase Page Views) – अपने पोस्ट के बीच में ही सही एंकर टेक्स्ट के द्वारा इंटरनल लिंक बनाने से आपके ब्लॉग को फायदा होगा. आप अपने आर्टिकल में यूजर को और नयी जानकारी दे रहे हो, जहाँ वो पर्टिकुलर कीवर्ड के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकता है. यूजर आपके नए पेज में जायेंगें, जिससे पेज व्यूज भी बढेंगें.
  • ओन पेज एसइओ (On-Page SEO) – इंटरनलिंकिंग से ओन पेज एसइओ में भी मदद मिलती है. ओन पेज एसइओ एक सिंगल पोस्ट में कंटेंट को कीवर्ड के लिए सारी चीजों को नोटिस करता है, उसमें में नोटिस करता है कि हैडिंग, कीवर्ड प्लेसमेंट, कंटेंट क्वालिटी सभी ठीक है कि नहीं.
  • इंटरनल लिंक आपकी साईट की वैल्यू बढ़ाएगा

इंटरनल लिंक के बेस्ट प्लगइन और ट्रिक (Best Internal link Plug-in and Tricks)

वर्डप्रेस में इंटरनल लिंक के लिए कुछ ऑटो प्लगइन होते है, इसमें कुछ निम्नानुसार फीचर होते है –

  • लिंक जूस कैलकुलेट करता है
  • पोस्ट एडिटिंग सेक्शन में इंटरनल लिंक के लिए आप्शन का सुझाव देता है.
  • इंटरनल लिंक को ट्रैक करता है

आज के समय में वर्ड प्रेस में बहुत सारे प्लगइन है, जिसमें से कुछ फ्री तो कुछ Paid है.

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